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समाजसेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य, नि:शुल्क सहायता से सैकड़ों को दिलाया सहारा

विकलांगों और बेसहारा जरूरतमंदों के मसीहा बने रामेश्वर कोरी

समाजसेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य, नि:शुल्क सहायता से सैकड़ों को दिलाया सहारा

सागर (म.प्र.)// कहते हैं, इंसान अगर चाहे तो अपनी मेहनत और सेवा भाव से समाज में एक मिसाल बन सकता है।हम बात कर रहे मध्यप्रदेश के सागर जिले के काकागंज वार्ड निवासी रामेश्वर कोरी ने इस कहावत को अपने जीवन से सच कर दिखाया है। एक साधारण फोटोग्राफर होते हुए भी उन्होंने अपने काम को सेवा का माध्यम बना लिया और आज वे विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। बता दे की रामेश्वर कोरी विगत कई वर्षों से नि:स्वार्थ भाव से ऐसे लोगों की मदद कर रहे हैं, जो चल-फिर नहीं सकते, बोल नहीं सकते या फिर सरकारी योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। वे स्वयं जाकर उनके दस्तावेज तैयार कराते हैं, विकलांग प्रमाण पत्र, पेंशन योजना, स्वीकृति पत्र, आदि बनवाने में पूरी मदद करते हैं और वह भी बिना किसी शुल्क के। उनका कहना है,इन लाचार और जरूरतमंद लोगों की सेवा करना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है।रामेश्वर कोरी न सिर्फ मदद करते हैं,बल्कि समाज को भी इस दिशा में जागरूक करते हैं कि जरूरतमंदों की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है। उनकी प्रेरणा से अब कई स्थानीय युवक भी इस जनसेवा अभियान में जुड़ने लगे हैं।
उनकी सेवाओं के लिए रामेश्वर कोरी को कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें मध्यप्रदेश शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान, कोरी समाज गौरव सम्मान (भोपाल), और जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों तथा कई सामाजिक संगठनों द्वारा प्रशस्ति पत्रों से नवाजा गया है।वही इस पुनीत कार्य में उनके साथ कई सहयोगी भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं, जिनमें विजय चंदू कोरी, दीपा प्रजापति,राजेश फुसकेले, शैलेन्द्र पटैल,उमाशंकर रैकवार, यशोदा कोरी, चंदन रैकवार, नंदकिशोर नामदेव, प्रदुम कोरी, कालूराम मासाव, शिवराम पटेल, ज्योति बड़गैया, और अन्य कई नाम उल्लेखनीय हैं। रामेश्वर कोरी की यह नि:स्वार्थ सेवा समाज के लिए एक प्रेरणा है। आज जब अधिकांश लोग केवल अपने हितों तक सीमित हैं, ऐसे में रामेश्वर कोरी जैसे लोग यह साबित करते हैं कि सच्ची इंसानियत अब भी जिंदा है।
समाजसेवा के इस रास्ते पर चलकर उन्होंने न केवल अपनी पहचान बनाई है, बल्कि सैकड़ों बेसहारा लोगों की ज़िंदगी में आशा की नई किरण भी जगाई है। उनका कार्य यह संदेश देता है कि अगर मन में सेवा का संकल्प हो तो साधारण व्यक्ति भी असाधारण काम कर सकता है।

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