युवा आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेंगे-अविराज सिंह

युवा आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेंगे-अविराज सिंह

सागर। भाजपा युवा नेता अविराज सिंह ने रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 11 सितम्बर को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक मोती नगर के पद्माकर सभागार में ‘‘वैश्विक चुनौतियों का समाधान और भारतीय दृष्टिकोण‘ विषय पर युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया है। जिसके आयोज़क के नाते मैं आप सभी को आमंत्रित करने आया हूॅं।

अविराज सिंह ने कहा कि पूज्य संत दादा गुरुजी के सानिध्य में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया है। पूज्य संत दादा गुरुजी चार वर्षों से निरंतर बिना भोजन के केवल जल और वायु पर रह रहे हैं। वे बहुत पूजनीय संत हैं। श्री अविराज सिंह ने कहा कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉक्टर विनोद मिश्रा जी करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता यंग थिंकर्स फोरम इंडिया, जिसके वे निर्देशक आशुतोष जी है, वे अपने राष्ट्र के सबसे प्रखर और ज्ञानी वक्ताओं में से एक है, तो निश्चित ही, आप सभी इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। मैं ऐसी आशा करता हूं।

उन्होंने कहा कि युवा संवाद के माध्यम से वैश्विक चुनौतियां जैसे अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ, पाकिस्तान के षड्यंत्र, और भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के उपायों पर गहराई से चर्चा की जाएगी। पाकिस्तान जैसे राष्ट्र निरंतर अपने राष्ट्र के खिलाफ षड़यंत्र करते रहते हैं। सभी चैलेंजेस का यही सल्यूशन है कि हम भारत को एक आत्म निर्भर राष्ट्र बनाएंगे। एक सेल्फ सस्टीरिंग इकोनॉमी बनाएंगे ।आप सभी यह जानते हैं कि हमारे देश ने हाल ही में सेमी कंडक्टर चिप बनाना शुरू किया है। इसी के साथ डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में हमारा देश अच्छा काम कर रहे हैं।

अविराज सिंह ने कहा कि युवा संवाद का महत्व क्या है ? हम सभी युवा ये सोच रखे ये सपना देखे कि हमें आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना है, तो हम निश्चित ये कर सकते हैं। युवा संवाद समस्याओं का समाधान निकालने, नए विचार खोजने, सकारात्मक सोच विकसित करने और राष्ट्र में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रक्रिया है। यह तनाव कम करता है और युवाओं को रिलैक्स भी करता है। उन्होंने कहा कि जब भी युवा संवाद होता है इससे समस्याओं का समाधान निकलता है। अपने देश, समाज में सकारात्मक बदलाव आता है। इसलिए युवा संवाद एक कार्यक्रम नहीं है। जैसे अमृत मंथन से अमृत निकला, वैसे युवा संवाद से अमृत निकलता है, और वही अमृत अपने राष्ट्र को आगे ले जाता है। इसलिए निरंतर युवाओं में संवाद होते रहना चाहिए। इसका एक और कारण है कि जब युवा संवाद करते हैं तो हमारा स्ट्रेस कम होता है, टेंशन कम होती हैं, और हम रिलैक्स फील भी करते हैं। इसी दृष्टिकोण से 11 सितंबर प्रोग्राम बहुत महत्वपूर्ण है।

अविराज सिंह ने कहा कि विवेकानंद जी ने युवा वर्ग को बड़ा सोचने, सकारात्मक संवाद करने, आत्मविश्वास रखने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को साकार करने का संदेश दिया गया है। भारत के कुछ युवा जिन्होंने कम उम्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। जैसे 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में काम कर रहे हैं, और 19 वर्षीय गुकेश जो चैस के विश्व चैंपियन बने हैं।

अविराज सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना आवश्यक है।क्योंकि वर्तमान में मात्र 18 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में शामिल हैं। इसके अलावा, घरेलू ब्रांड्स को बढ़ावा देना, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ाना जरूरी है। और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के क्या लाभ हैं? आत्मनिर्भर भारत बनने से किसानों का सम्मान बढ़ेगा, कारीगरों के हुनर की पहचान होगी, युवाओं की आवाज विश्वभर में पहुंचेगी, और देश की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी जी के शब्दों में कहा कि “टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी, अंतर को चीर गथा पलकों पर ठिक्की, हार नहीं मानेंगे, रार नहीं ठानेंगे, गीत नया गाएंगे।“

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिनेश अहिरवार ने किया, डॉ. ब्रजेश रिछारिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर रजनी दुबे राजनीति शास्त्र विभाग, प्रोफेसर श्रीमती अल्कापुष्प निशा जी अंग्रेजी विभाग, असिस्टेंट कंसल्टेंट प्रशांत सिंह ठाकुर सहित शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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