
भारत सरकार के भू-जल आयोग एवं केंद्रीय जल आयोग, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गठित दो सदस्यीय दल ने किया सागर का निरीक्षण
बेस्ट अर्बन लोकल बॉडी की कैटेगरी में जमीनी स्तर पर हुए कामों की समीक्षा एवं निरीक्षण 18 जून को पूर्ण होगा
सागर दिनांक 16 जून 2025
भारत सरकार के भू-जल आयोग एवं केंद्रीय जल आयोग, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गठित टीम के सदस्यों डॉ विनय कुमार कुलश्रेष्ठ, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केन्द्रीय भू जल विभाग एवं गिरिराज शरण सिंह दांगी, अनुविभागीय अधिकारी, केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार ने सागर नगर निगम एवं सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर में किये गए विकास कार्यों का तीन दिवसीय निरीक्षण 16 जून 2025 से प्रारम्भ किया। बेस्ट अर्बन लोकल बॉडी की कैटेगरी में जमीनी स्तर पर हुए कामों की समीक्षा एवं निरीक्षण उक्त दो सदस्यीय टीम के द्वारा 16 जून से 18 जून 2025 तक की जायेगी। उक्त टीम के द्वारा सोमवार को लाखा बंजारा झील, 4 एमएलडी क्षमता के वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, 43 एमएलडी क्षमता के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट व सीवरेज पंपिंग स्टेशन, स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज़ सिस्टम अंतर्गत विकसित बड़े एवं मंझोले नाले आदि अन्य का स्थल निरीक्षण कर ग्राउंड ट्रुथ वेरिफिकेशन किया गया। भारत सरकार के निरीक्षण दल ने नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी की स्थानीय टीम के साथ राजघाट बांध पहुंचकर बांध से जुड़ी जानकारी संकलित की उन्होंने राजघाट डेम में वर्तमान जल स्तर, और इसकी फुल टेंक क्षमता जानी। उन्होंने नागरिक जल आपूर्ति मांग की तुल्ना में उपलब्ध पेयजल की जानकारी ली। नागरिकों को सप्लाई होने वाले पेयजल की बेहतर गुणवत्ता जाँचने हेतु आवश्यक उपकरण और प्रयोगशाला आदि को भी जाँचा -परखा। यहां बने इंटकवेल और जल शोधन से जुड़े सम्पूर्ण सिस्टम का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद टीम लाखा बंजारा झील का निरीक्षण करने पहुंची। यहां सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा झील के जीर्णोद्धार, पुनर्विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्यों का जायजा लिया। निरीक्षण दल ने सर्वप्रथम झील में मिलने वाले 41 से अधिक नालों व अन्य नालियों आदि को टैप करने की प्रक्रिया देखी और झील के किनारे से होते हुए सीधे मोंगा बधान पर निकलने वाले इन सभी नालों के ग्रे वॉटर की जानकारी ली। इस ग्रे वॉटर को पुनः उपयोगी बनाने हेतु बनाये गये वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता और यहां पहुंचने वाले ग्रे वॉटर को शोधित कर साफ बनाने की प्रक्रिया को जाना। उन्होंने वर्तमान में झील में एकत्र पानी की जानकारी ली और इसके फुल टेंक क्षमता की स्थति को जाना। उन्होंने झील के पानी के वर्तमान उपयोग और भविष्य की कार्य योजना के विषय में भी जानकारी ली। उन्होंने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर यहां ट्रीट किये जा रहे सीबरेज की प्रक्रिया देखी और निकलने वाले पुनरुउत्पाद की गुणवत्ता व उपयोग आदि की जानकारी ली। स्टॉर्म वॉटर नालों के नेटवर्क सहित अन्य विकास कार्यों का भी निरीक्षण कर नागरिकों के जीवन पर इन परियोजना कार्यों से पड़े प्रभावों को भी जाना।
निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ सागर स्मार्ट सिटी राजकुमार खत्री द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया की ग्रीष्म ऋतू में विगत सप्ताह लगभग 45 डिग्री के आस पास तक पहुँचे तापमान के कारण राजघाट डेम में जलस्तर तेजी से कम हुआ था। वर्तमान में जल आपूर्ति मांग की अपेक्षा पर्याप्त पानी उपलब्ध है। ग्रीष्म ऋतू के प्रभाव से झील में भी जल स्तर कम हुआ है। झील को एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रमोट करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां धार्मिक पर्यटन गतिविधि के रूप में जल गंगा आरती का आयोजन होने से बड़ी संख्या में नागरिकों का जुड़ाव झील से हुआ है। यहां पारम्परिक नौकायन भी बढ़ा है। इसके साथ ही संजय ड्राइव साइड आधुनिक क्रूज, मोटर बोट, पैडल बोट व वॉटर साईकिल आदि से वॉटर स्पोर्ट गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। केंनॉइंग, रोईंग आदि खेलों की सुविधा मिलने से स्थानीय युवा खिलाड़ियों को केरियार बनाने में सहयोग मिला है। विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी झील किनारे किया जाता है। यह झील एक विशाल और खूबसूरत जल स्रोत है। इसे सागर में पर्यटन का केंद्र बनाने हेतु रुपरेखा तैयार की जा रही है। मानसून से पहले सभी नवनिर्मित स्टॉर्म वॉटर नालों सहित नाले नालियों की साफ सफाई सुनिश्चित की जा रही है तकि नागरिक जलभराव से प्रभावित न हों। नागरिकों को शासन-प्रशासन की योजनाओं परियोजनाओं का बेहतर लाभ मिले उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो इस उद्देश्य के साथ विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण किया गया है और विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य प्रगतिरत हैं।