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महाबोधि माहाबिहार मुक्त आंदोलन के तहत सांची से बोधगया पदयात्रा पर निकले

महाबोधि माहाबिहार मुक्त आंदोलन के तहत सांची से बोधगया पदयात्रा पर निकले
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भिक्खू डॉक्टर क्षआनंद रिक्खत
के द्वारा बताया गया
जैसा कि आप सभी जानते हैं तथागत गौतम बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया (बिहार) में मौर्य साम्राज्य के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान ने अपने शासनकाल में महाबोधि महाबिहार का निर्माण कर कराया था। महाबोधि महाबिहार समूचे भारत ही नहीं अपितु विश्व भर में बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केंद्र है,,,
किंतु भारत की स्वतंत्रता के बाद से से आज तक मा बिहार का प्रबंध बौद्ध ऑन के हाथ में न होकर मनु वादियों के हाथों में है जबकि सामान्य सी बात है जिस धर्म का धार्मिक स्थल या तीर्थ स्थल होता है इसका प्रबंधन इस धर्म के धर्म गुरु करते हैं इस नियम के अनुसार भारत सहित संपूर्ण विश्व में स्थापित बौद्ध धर्म की धर्म स्थलों का प्रबंध बौद्ध लोगों के हाथों में ही होना चाहिए लेकिन भारत के महत्वपूर्ण बौद्ध धर्म स्थलों का प्रबंधन और नियंत्रण दूसरे लोगों के हाथों में है यह एक असंतोष और आक्रोश का कारण है महाबोधि बोधगया सहित सभी बौद्ध धर्म स्थलों को मुक्त करने के लिए बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा मुक्ति आंदोलन चलाया जा रहा है इसी श्रृंखला में मुक्ति आंदोलन पदयात्रा 1 अप्रैल 2025 से सांची जिला रायसेन से शुरू की गई है जिसका नेतृत्व अशोक नगर निवासी देखो डॉक्टर आनंद रक्षित एवं उनके साथियों द्वारा की गई है उक्त पदयात्रा आज सागर जिले के गढ़ाकोटा नगर पहुंची जहां पदयात्रा का अनेक लोगों द्वारा स्वागत किया गया स्वागत श्रृंखला में समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग के प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव एवं ओबीसी महासभा के निवर्तमान कार्यकारी संभागीय अध्यक्ष भारतवर्ष यादव राजू ने बौद्ध भिक्षुओं का स्वागत किया।।।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलेश साहू द्वारा भी पदयात्रा का स्वागत किया गया इसके साथ ही पिछड़ा दलित आदिवासी संगठनों के अनेकों लोगों ने पदयात्रा का स्वागत किया स्वागत के दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने पंचशील के सिद्धांतों सहित समता स्वतंत्रता न्याय और भाईचारा के साथ रहने का संदेश दिया नमो बुद्धाय जय भीम

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